प्राइवेट स्कूल गवर्नमेंट स्कूल इन दोनों के बीच की समानता बहुत ही रह गई है जेसे की आप को पता है जो बड़े लोग हैं.वह अपने बच्चों को प्राइवेट स्कूल में ही पढ़ाते हैं.जो गरीब मिडिल क्लास के लोग हैं |
वह अपने बच्चों का कुछ सपना देख कर गवर्नमेंट स्कूल में भेजते हैं, ऐसे में अगर सरकार से दिया हुआ पढ़ाई मैं मदद करने वाला लैपटॉप बच्चों के हाथ तक ना अाए तो बच्चे क्या करें |
भारत के संविधान के अनुसार किसी भी संस्थान के खिलाफ अगर आप विरोध करते हैं.तो उसे गैर-कानूनी नहीं समझा जाएगा यह नागरिकों के लिए यंत्र के समान है |
इस बाबत बच्चों ने अपनी सूझबूझ दिखाते हुए स्कूल के मैनेजमेंट को मनाने के लिए ये रास्ता सही समझा और आज 21.12 .2017 सुबह-सुबह सिलवासा के चार रास्तों से लेकर टोकर खारा गवर्नमेंट स्कूल तक जाम कर दिया .उसके बाद तो रास्तों पर सिर्फ ,और सिर्फ स्कूल की ड्रेस में बच्चे ही दिख रहे थे |
आपको बताते चलें कि धरना प्रदर्शन बच्चों को क्यों, करना पड़ा जिस बच्चों को 2016 में लैपटॉप दिया गया इस साल के12th के बच्चों को 2017 में मना कर रहे हैं, इसलिए बच्चों ने यह धरना प्रदर्शन दिया है, वैसे तो अब यह बात सुनाई दे रही है कि बच्चे अगर 60 % परसेंट लाएंगे उसके बाद ही लैपटॉप मिलेगा यह इसलिए किया गया है. कि बच्चे और अच्छे से पढ़ाई करेंगे लैपटॉप को प्राप्त करने के लिए अच्छे से तैयारी करेंगे |
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