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इस सुंदर सी जगह पर जाने के बाद गर्मी में भी ठंड लगता है उसके बाद आप अच्छी शक्ति अच्छी भक्ति के साथ जा रहे हैं तो आप मां के दरबार में जाकर मां की पूजा करके ही लौटेंगे क्योंकि मैं अपनी जिंदगी में पहली बार इतनी ऊंचाई तक चढ़ा और इस तरह का अनुभव प्राप्त किया ||
इस तस्वीर में माता दिख रही है माता के मंदिर में मना है तस्वीर लेना फिर भी मैंने यह तस्वीर लिया है,अपने पाठकों को दिखाने के लिए और उनको बताने के लिए किस तरह का भव्य मंदिर गुजरात के पावागढ़ में है. जहां लोग जाने के बाद धन्य धन्य हो जाते हैं |
माता का ऐसा कृपा है,एक बूढ़ी माता जो पहाड़ी चढ़कर और लंबे रास्ता होने के कारण वह थक गई थी वह बोली कि मैं जा नहीं सकती हूं मगर मां का ऐसा कृपा था की हल्की हल्की बारिश हो रही थी और उस बूढ़ी माता को बोला गया कि आप शिढी के अंदर बैठो बारिश आ रही है, जैसे ही वह अंदर गई उनका पूरा मन ही बदल गया और वह बोली कि मैं भी जाऊंगी माता के दर्शन करने के लिए इस तरह मां का अपरंपार लीला है,और माता के आगे हम भक्त कुछ भी नहीं हैं ||
इस तरह से बहुत ही सुंदर बाजार वहां पर लगाया गया ,प्रसाद चढ़ाने के लिए बहुत सारे ऐसे पूजा का सामान वहां पर मिलता है और खाने पीने की भी सुविधा है वहां पर होटल भी है छोटे-छोटे और जो गदहा रहता है, उसके द्वारा नीचे से ऊपर सामान लादकर लेकर जाया जाता है और हजारों की संख्या में भक्त हमेशा उस रास्ते पर चलते रहते हैं और मां का जयकारा लगाते रहते हैं यह आम मंदिर नहीं है मां के मंदिर में जाने के लिए नीचे से ऊपर तक पैदल चलने वालों को 6 घंटा लग जाता है
जैसे-जैसे मंदिर पास आता गया वैसे ही और दूर होता गया और इच्छा प्रकट होती गई कि अब माता को देखेंगे अब माता का दर्शन करेंगे मगर पहली बार जिंदगी में बहुत बड़ा अनुभव में वहां से लेकर आया हूं और साक्षात लगता है कि कोई वहां पर बैठी है जो आशीर्वाद देकर अपने भक्तों को विदा कर रही है इतनी शांत वातावरण इतना सुंदर और बादलों को छूकर जाना बहुत ही अच्छा अनुभव है मां काली सब भक्तों के ऊपर कृपा बनाकर रखती हैं उसी श्रद्धा के साथ सब भक्त वहां जाते हैं और अपने लिए श्रद्धा सुमन मांग कर लाते हैं
इस तस्वीर में आप देख रहे हैं उड़न खटोला है वह कितना ऊपर जाता है और कितनी ऊंची पहाड़ी है नीचे बगीचा जैसा बनाया गया है जहां लोग कुछ पल बैठ कर माता का भजन करते हैं और यहां हमेशा मौसम ठंडा ही रहता है और कब बारिश आएगी कब रुक जाए कोई पता नहीं
इस तालाब को देख कर लगता है जैसे कोई गांव में खड़े हैं और वहां तालाब है लेकिन नहीं यह तालाब हजारों किलोमीटर ऊपर उस पहाड़ी पर है जहां मां काली का मंदिर है पावागढ़ आश्चर्यचकित करने वाला है यह तालाब लोग जाते ही वहां पर आश्चर्य में पड़ जाते हैं कि यह तालाब कहां से आ गया इस जगह को देखकर लगता है की एक अलग दुनिया में आ गए हैं
जो तालाब इस तस्वीर में नीचे दिख रहा है उसके ऊपर में खड़ा हूं और बहुत ही ऊंचा से भी ऊपर जाना है और उसके नीचे जैसे लगता है कोई बड़ा बाज़ार हो लेकिन नहीं इतना बड़ा पहाड़ जहां पर लग रहा है कि कोई बड़ा सा शहर बसा है और
उड़न खटोला के अंदर बैठकर यह लिया गया तस्वीर है जिसमें आप देख रहे हैं हरा भरा जंगल बड़ी-बड़ी पहाड़ जिसे देख कर आपका मन विचलित हो सकता है यह बहुत ही अच्छा अनुभव है यहां एक बार जरूर जाना चाहिए और बार बार जाना चाहिए मां काली के दर्शन हेतु और इस सुंदर से वातावरण को देखने हैं जहां बादल को हम छोटे हैं और बादल हमें छू कर जाता है
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